Ganesh ji ki Aarti Pdf | Ganesh ji ki Aarti Pdf Download | गणेश जी की आरती pdf

Ganesh ji ki Aarti Pdf

Ganesh ji ki Aarti Pdf: गणेश जी की पूजा करने से सभी कष्टों का अंत होता है, और उनकी कृपा से सभी संघटित कार्य बन जाते हैं। गणेश जी को ‘मंगलकर्ता’ भी कहा जाता है, क्योंकि वे जीवन को मंगलमय बनाते हैं। वे बुद्धि और ज्ञान के देवता हैं। जब कोई व्यक्ति पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान गणेश की पूजा करता है, तो उसके जीवन के सभी रुकावटें दूर हो जाती हैं। गणेश जी की पूजा के बाद, आरती जरूर की जाती है, क्योंकि मान्यता है कि आरती के बिना गणेश भगवान की पूजा पूरी नहीं होती है ।

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gansh 2 Ganesh ji ki Aarti Pdfगणेश जी की आरती इस प्रकार से है:

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥

पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

अँधे को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥

‘सूर’ श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
भक्तजन तोरे शरण
कृपा राखो देवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

गणेश जी की आरती pdf
गणेश जी की आरती pdf

 

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